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Title: This Is How You Can Buy Real Estate With Little or No Money - Robert
Description: If you're going to be rich, you have to learn to use debt. Debt is other people's money, and there are four types of people in business: Spain, China, Japan, and the United States. The people who are the biggest winners are people who know how to use debt. In 1971, Nixon took the dollar away from the people. I took a three-day real estate course about how to use no money to buy real estate. Most poor people always say they can't afford it; they do not have time, they have children and bills to pay. I was a free human being and never needed money again if you can make money with no money that is called music - an infinite return because I had no money in the deal. When I started off, when I was 25, I had a little one-bedroom condo and it put 25 bucks in my pocket. It was a start so this was good debt. When I rent a property, I've done a good job buying it and structuring it every month, so my net net is making money from my little house.

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– 302)
कक्षा 11वी िं–12वी िं (2022 -23 )
प्रस्तावना :
दसवीीं कक्षा तक ह ीं दी का अध्ययन करने वाला हिक्षार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के सार्थ-सार्थ ह ीं दी में सोचने
और उसे मौखिक एवीं हलखित रूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अहजित कर चु का ोता ै । उच्चतर
माध्यहमक स्तर पर आने के बाद इन सभी दक्षताओीं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता
ोती ै , ज ााँ भाषा का प्रयोग हभन्न-हभन्न व्यव ार-क्षे त्ोीं की माीं गोीं के अनुरूप हकया जा सके। आधार पाठ्यक्रम,
साह खिक बोध के सार्थ-सार्थ भाषाई दक्षता के हवकास को ज्यादा म त्त्व दे ता ै। य पाठ्यक्रम उन हिक्षाहर्थि योीं
के हलए उपयोगी साहबत ोगा, जो आगे हवश्वहवद्यालय में अध्ययन करते हुए ह ीं दी को एक हवषय के रूप में पढ़ें गे
या हवज्ञान/सामाहजक हवज्ञान के हकसी हवषय को ह ीं दी माध्यम से पढ़ना चा ें गे। य उनके हलए भी उपयोगी
साहबत ोगा, जो उच्चतर माध्यहमक स्तर की हिक्षा के बाद हकसी तर के रोजगार में लग जाएीं गे। व ााँ
कामकाजी ह ीं दी का आधारभू त अध्ययन काम आएगा। हजन हिक्षाहर्थि योीं की रुहच जनसींचार माध्यमोीं में ोगी,
उनके हलए य पाठ्यक्रम एक आरीं हभक पृष्ठभू हम हनहमित करे गा। इसके सार्थ ी य पाठ्यक्रम सामान्य रूप से
तर -तर के साह ि के सार्थ हिक्षाहर्थि योीं के सींबींध को स ज बनाएगा। हिक्षार्थी भाहषक अहभव्यखक्त के सूक्ष्म
एवीं जहिल रूपोीं से पररहचत ो सकेंगे। वे यर्थार्थि को अपने हवचारोीं में व्यवखथर्थत करने के साधन के तौर पर भाषा
का अहधक सार्थि क उपयोग कर पाएाँ गे और उनमें जीवन के प्रहत मानवीय सींवेदना एवीं सम्यक् दृहि का हवकास
ो सकेगा।
रािरीय पाठ्यचयाि की रूपरे िा, नई हिक्षा नीहत 2020 तर्था केंद्रीय माध्यहमक हिक्षा बोर्ि द्वारा समय-समय पर
दक्षता आधाररत हिक्षा, कला समे हकत अहधगम, अनुभवात्मक अहधगम को अपनाने की प्रेरणा दी गई ै जो
हिक्षाहर्थि योीं की प्रहतभा को उजागर करने, िेल-िेल में सीिने पर बल दे ने,आनींदपूणि ज्ञानाजिन और हवद्याजिन
के हवहवध तरीकोीं को अपनाने तर्था अनुभव के द्वारा सीिने पर बल दे ती ै ।
दक्षता आधाररत हिक्षा से तात्पयि ै सीिने और मू ल्ाीं कन करने का एक ऐसा दृहिकोण जो हिक्षार्थी के सीिने
के प्रहतफल और हवषय में हविेष दक्षता को प्राप्त करने पर बल दे ता ै । दक्षता व क्षमता, कौिल, ज्ञान और
दृहिकोण ै जो व्यखक्त को वास्तहवक जीवन में कायि करने में स ायता करता ै । इससे हिक्षार्थी य सीि सकते
ैं हक ज्ञान और कौिल को हकस प्रकार प्राप्त हकया जाए तर्था उन्हें वास्तहवक जीवन की समस्याओीं पर कैसे
लागू हकया जाए। प्रिे क हवषय, प्रिे क पाठ को जीवनोपयोगी बनाकर प्रयोग में लाना ी दक्षता आधाररत हिक्षा
ै । इसके हलए उच्च स्तरीय हचींतन कौिल पर हविेष बल दे ने की आवश्यकता ै ।

कला समे हकत अहधगम को हिक्षण-अहधगम प्रहक्रया में सुहनहित करना अिहधक आवश्यक ै । कला के सींसार
में कल्पना की एक अलग ी उडान ोती ै । कला एक व्यखक्त की रचनात्मक अहभव्यखक्त ै । कला समे हकत
अहधगम से तात्पयि ै कला के हवहवध रूपोीं सींगीत, नृि, नािक, कहवता, रीं गिाला, यात्ा, मू हति कला, आभू षण
बनाना, गीत हलिना, नुक्कड नािक, कोलाज, पोस्टर, कला प्रदििनी को हिक्षण अहधगम की प्रहक्रया का अहभन्न
ह स्सा बनाना। हकसी हवषय को आरीं भ करने के हलए आइस ब्रेहकींग गहतहवहध के रूप में तर्था सामीं जस्यपूणि
समझ पैदा करने के हलए अींतरहवषयक या बहुहवषयक पररयोजनाओीं के रूप में कला समे हकत अहधगम का
प्रयोग हकया जाना चाह ए। इससे पाठ अहधक रोचक एवीं ग्राह्य ो जाएगा।
अनुभवात्मक अहधगम या आनुभहवक ज्ञानाजि न का उद्दे श्य िैहक्षक वातावरण को हिक्षार्थी केंहद्रत बनाने के सार्थसार्थ स्वयीं मू ल्ाीं कन करने, आलोचनात्मक रूप से सोचने, हनणिय ले ने तर्था ज्ञान का हनमाि ण कर उसमें पारीं गत
ोने से ै । य ााँ हिक्षक की भू हमका मागिदििक की र ती ै । ज्ञानाजिन अनुभव स योगात्मक अर्थवा स्वतीं त्

ोता ै और य हिक्षार्थी को एक सार्थ कायि करने तर्था स्वयीं के अनुभव द्वारा सीिने पर बल दे ता ै । य
हसद्ाीं त और व्यव ार के बीच की दू री को कम करता ैI
इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से:
1
...
हवश्वहवद्यालय स्तर पर हनधाि ररत ह ीं दी-साह ि से सींबींहधत पाठ्यक्रम के सार्थ स ज सींबींध थर्थाहपत कर
सकेंगे।
3
...
रोज़गार के हकसी भी क्षे त् में जाने पर भाषा का प्रयोग प्रभावी ढीं ग से कर सकेंगे।
5
...
हिक्षार्थी दो हभन्न पाठोीं की पाठ्यवस्तु पर हचीं तन करके उनके मध्य की सींबद्ता पर अपने हवचार
अहभव्यक्त करने में सक्षम ो सकेंगे।
7
...

श्रवण (सुनना)
वाचन (बोलना)
1 पररहचत सींदभों में प्रयुक्त िब्दोीं और पदोीं को 1 केवल अलग-अलग िब्दोीं और पदोीं के प्रयोग
समझने की सामान्य योग्यता ै।
की योग्यता प्रदहिित करता ै ।
2 छोिे सुसींबद् कर्थनोीं को पररहचत सींदभों में 2 पररहचत सींदभों में केवल छोिे सींबद् कर्थनोीं का
समझने की योग्यता ै ।
सीहमत िुद्ता से प्रयोग करता ै ।
3 पररहचत या अपररहचत दोनोीं सींदभों में कहर्थत 3 अपेक्षाकृत दीघि भाषण में जहिल कर्थनोीं के
सूचना को स्पि समझने की योग्यता ै।
प्रयोग की योग्यता प्रदहिित करता ै ।
4 दीघि कर्थनोीं की शींिला को पयाि प्त िुद्ता से 4 अपररहचत खथर्थहतयोीं में हवचारोीं को ताहकिक ढीं ग
समझने के ढीं ग और हनष्कषि हनकाल सकने की
से सींगहठत कर धारा-प्रवा रूप में प्रस्तु त करता
योग्यता ै ।
ै।
5 जहिल कर्थनोीं के हवचार-हबींदुओीं को समझने की 5 उद्दे श्य और श्रोता के हलए उपयुक्त िैली को
योग्यता प्रदहिित करने की क्षमता ै ।
अपना सकता ै ।
पररयोजना कायय
कुल अिं क 10
हवषय वस्तु
5 अींक
भाषा एवीं प्रस्तु हत
3 अींक
िोध एवीं मौहलकता
2 अींक
● ह न्दी भाषा और साह ि से जुडे हवहवध हवषयोीं/ हवधाओीं / साह िकारोीं / समकालीन ले िन /
साह खिक वादोीं / भाषा के तकनीकी पक्ष / प्रभाव / अनुप्रयोग / साह ि के सामाहजक सींदभो एवीं
जीवन मू ल् सींबींधी प्रभावोीं आहद पर पररयोजना कायि हदए जाने चाह ए।
● सत् के प्रारीं भ में ी हिक्षार्थी को हवषय चु नने का अवसर हमले ताहक उसे िोध, तै यारी और ले िन के
हलए पयाि प्त समय हमल सके ।
● वाचन - श्रवण कौिल एविं पररयोजना कायय का मू ल्ािंकन हवद्यालय स्तर पर आिं तररक परीक्षक
द्वारा ी हकया जाएगा।

पररयोजना-कायय
‘पररयोजना’ िब्द योजना में ‘परर’ उपसगि लगने से बना ै । ‘परर’ का अर्थि ै ‘पूणिता’ अर्थाि त ऐसी योजना जो
अपने आप में पूणि ो पररयोजना क लाती ै । हकसी हविेष लक्ष्य की प्राखप्त े तु जो योजना बनाई और कायाि खित
की जाती ै , उसे पररयोजना क ते ैं । य हकसी समस्या के हनदान या हकसी हवषय के तथ्योीं को प्रकाहित
करने के हलए तै यार की गई एक पूणि हवचार योजना ोती ै ।
रािरीय पाठ्यचचाि की रूपरे िा, नई हिक्षा नीहत 2020 तर्था केन्द्रीय माध्यहमक हिक्षा बोर्ि द्वारा समय-समय पर
अनुभवात्मक अहधगम, आनींदपूणि अहधगम की बात की क ी गई ै । उच्चतर माध्यहमक स्तर पर हिक्षाहर्थि योीं के
हलए ह ीं दी का अध्ययन एक सृजनात्मक, साह खिक, साीं स्कृहतक और हवहभन्न प्रयुखक्तयोीं की भाषा के रूप में
करने और करवाने के हलए पररयोजना कायि अिीं त म त्पूणि व लाभदायक हसद् ोता ै।

पररयोजना का म त्व









व्यखक्तगत स्तर पर िोज, कायिवा ी और ग्यार वीीं - बार वीीं कक्षा के दौरान अहजित ज्ञान और कौिल,
हवचारोीं आहद पर हचीं तन का उपयोग ।
सैद्ाीं हतक हनमाि णोीं और तकों का उपयोग करके वास्तहवक दु हनया के पररदृश्योीं का हवश्लेषण और
मू ल्ाीं कन
एक स्वतींत् और हवस्ताररत कायि का हनमाि ण करने के हलए म त्पूणि और रचनात्मक हचीं तन, कौिल
और क्षमताओीं के अनुप्रयोग का प्रदििन
उन हवषयोीं पर कायि करने का अवसर हजनमें हिक्षाहर्थि योीं की रुहच ै I
नए ज्ञान की ओर अग्रसर
िोजी प्रवृहत्त में वृखद्
भाषा ज्ञान समृ द् एवीं व्याव ाररक
समस्या समाधान की क्षमता का हवकास

पररयोजना कायय हनधायररत करते समय ध्यान दे ने योग्य बातें
● पररयोजना कायि हिक्षाहर्थि योीं में योग्यता आधाररत क्षमता को ध्यान में रिकर हदए जाएाँ हजससे वे हवषय
के सार्थ जुडते हुए उसके व्याव ाररक पक्ष को समझ सकें। वति मान समय में उसकी प्रासींहगकता पर
भी ध्यान हदया जाए।
● सत् के प्रारम्भ में ी हिक्षाहर्थि योीं को हवषय चु नने का अवसर हमले ताहक उसे िोध, तै यारी और ले िन के
हलए पयाि प्त समय हमल सके।
● अध्याहपका/अध्यापक द्वारा कक्षा में पररयोजना-कायि को ले कर हवस्तारपूविक चचाि की जाए हजससे
हिक्षार्थी उसके अर्थि , म त् व प्रहक्रया को भली-भााँ हत समझने में सक्षम ो सकें ।
● ह ीं दी भाषा और साह ि से जुडे। हवहवध हवषयोीं/ हवधाओीं/ साह िकारोीं/ समकालीन ले िन/ भाषा के
तकनीकी पक्ष/ प्रभाव/ अनुप्रयोग/ साह ि के सामाहजक सींदभों एवीं जीवन-मू ल् सींबींधी प्रभावोीं आहद
पर पररयोजना कायि हदए जाने चाह ए।
● हिक्षार्थी को उसकी रुहच के अनुसार हवषय का चयन करने के छूि दी जानी चाह ए तर्था अध्यापक/
अध्याहपका को मागिदििक के रूप में उसकी स ायता करनी चाह ए।
● पररयोजना – कायि करते समय हनम्नहलखित आधार को अपनाया जा सकता ै 1
...
आभार ज्ञापन
3
...
उद्दे श्य
5
...
पररकल्पना
7
...
प्रस्तु तीकरण (हवषय का हवस्तार)
9
...
अध्ययन की सीमाएाँ
11
...
अध्यापक हिप्पणी

● पररयोजना – कायि में िोध के दौरान सखिहलत हकए गए हचत्ोीं और सींदभों के हवषय में उहचत जानकारी
दी जानी चाह ए। उनके स्त्रोत को अवश्य अींहकत करना चाह ए।
● हचत्, रे िाहचत्, हवज्ञापन, ग्राफ, हवषय से सींबींहधत आाँ कडे , हवषय से सींबींहधत समाचार की कतरनें एकहत्त
के जानी चाह ए।
● प्रमाणस्वरूप सखिहलत हकए गए आाँ कडे , हचत्, हवज्ञापन आहद के स्त्रोत अींहकत करने के सार्थ-सार्थ
समाचार-पत्, पहत्काओीं के नाम एवीं हदनाीं क भी हलिने चाह ए।
● साह िकोि, सींदभि -ग्रींर्थ, िब्दकोि की स ायता ले नी चाह ए।
● पररयोजना-कायि में हिक्षाहर्थि योीं के हलए अनेक सींभावनाएाँ ैं । उनके व्यखक्तगत हवचार तर्था उनकी
कल्पना के हवस्तृ त सींसार को अवश्य सखिहलत हकया जाए।
पररयोजना – कायय के कुछ हवषय सुझावात्मक रूप में हदए जा र े ैं ।
भाषा और साह ि से जुडे हवहवध हवषयोीं/ हवधाओीं/ साह िकारोीं/ समकालीन ले िन के आधार पर






ह िं दी कहवता में प्रकृहत हचत्रण (पाठ – उषा / बगुलोिं के पिंख कहवता)
हवहभन्न कहवयोीं की कहवताओीं का तु लनात्मक अध्ययन,
भाषा िैली, हविेषताएाँ
वति मान के सार्थ प्रासींहगकता इिाहद।
भारतीय ग्रामीण का जीवन (पाठ – प लवान की ढोलक)
⮚ आज़ादी से प ले , बाद में तर्था वतिमान में खथर्थहत
⮚ सुधार की आवश्यकताएाँ
⮚ आपकी भू हमका/ योगदान/ सुझाव
⮚ समकालीन हवषय
⮚ कोहवर् -19 और म
⮚ भू हमका – क्ा ै , क्ोीं ै आहद का हववरण
⮚ हवहभन्न दे िोीं में प्रभाव
⮚ भारत के सार्थ तुलनात्मक अध्ययन
⮚ कारण और हनवारण
⮚ आपकी भू हमका/ योगदान/ सुझाव
उपयुिक्त हवषय सुझाव के रूप में प्रस्तुत हकए गए ैं। आप हदिाहनदे िोीं के आधार पर अन्य हवषयोीं का
चयन कर सकते ैं ।

ह िं दी (आधार) (कोड सिं
...

आरो , भाग-1, एन
...

हवतान भाग–1, एन
...

अहभव्यक्ति और माध्यम, एन
...
302) कक्षा – 12व िं (2022-23) परीक्षा े तु पाठ्यक्रम ववनिदेशि




प्रश्न-पत्र दो खण्ोिं - खिंड 'अ' और 'ब' का ोगा|
खिंड 'अ' में 45 वस्तु परक प्रश्न पूछे जाएाँ गे हजनमें से केवल 40 प्रश्नोिं के ी उत्तर दे ने ोगें |
खिंड 'ब' में वणय नात्मक प्रश्न पूछे जाएाँ गे| प्रश्नोिं में उहचत आिं तररक हवकल्प हदए जाएाँ गे |

भारािंक 100

हनधायररत समय 3 घिंिे
खिंड अ (वस्तुपरक प्रश्न)

हवषयवस्तु
1

2

3

4

भार

अपहठत गद्यािंि

15

अ एक अपहठत गद्याीं ि (अहधकतम 300 िब्दोीं का) (1 अींक x 10 प्रश्)

10



05

दो अपहठत पद्याीं िोीं में से कोई एक पद्याीं ि (अहधकतम 150 िब्दोीं का) (1 अींक x 5 प्रश्)

पाठ्यपुस्तक अहभव्यक्ति और माध्यम की इकाई एक से पाठ सिंख्या 3, 4 तथा 5 पर आधाररत

05

बहुहवकल्पात्मक प्रश् (1 अींक x 5 प्रश्)

05

पाठ्यपुस्तक आरो

10

भाग – 2 से बहुहवकल्पात्मक प्रश्न

अ पहठत काव्याीं ि पर पााँ च बहुहवकल्पी प्रश् (1 अींक x 05 प्रश्)

05



पहठत गद्याीं ि पर पााँ च बहुहवकल्पी प्रश् (1 अींक x 05 प्रश्)

05

पूरक पाठ्यपुस्तक हवतान भाग-2 से बहुहवकल्पात्मक प्रश्न

10

अ पहठत पाठोीं पर दस बहुहवकल्पी प्रश् (1 अींक x 10 प्रश्)

10

खिंड – ब (वणयनात्मक प्रश्न)
हवषयवस्तु
5

6

भार

पाठ्यपुस्तक अहभव्यक्ति और माध्यम से जनसिंचार और सृजनात्मक लेखन पाठ सिंख्या 3, 4,
5, 11, 12 तथा 13 पर आधाररत

20

1

हदए गए चार अप्रिाहित हवषयोीं में से हकसी एक हवषय पर लगभग 120 िब्दोीं में
रचनात्मक ले िन (6 अींक x 1 प्रश्)

06

2

क ानी का नाट्यरूपाीं तरण / रे हर्यो नािक / अप्रिाहित हवषयोीं पर ले िन पर आधाररत दो प्रश्
(3 अींक x 2 प्रश्) (हवकल्प सह त) (लगभग 60 िब्दोीं में )

06

3

पत्काररता और जनसींचार माध्यमोीं के हलए ले िन पर आधाररत तीन में से दो प्रश् (4 अींक x 2
प्रश्) (हवकल्प सह त) (लगभग 80 िब्दोीं में )

08

पाठ्यपुस्तक आरो

भाग – 2

20

7

1

काव्य िींर् पर आधाररत तीन प्रश्ोीं में से हकन्हीीं दो प्रश्ोीं के उत्तर (लगभग 60 िब्दोीं में ) (3 अींक
x 2 प्रश्)

6

2

काव्य िींर् पर आधाररत तीन प्रश्ोीं में से हकन्हीीं दो प्रश्ोीं के उत्तर (लगभग 40 िब्दोीं में ) (2 अींक
x 2 प्रश्)

4

3

गद्य िींर् पर आधाररत तीन प्रश्ोीं में से हकन्हीीं दो प्रश्ोीं के उत्तर (लगभग 60 िब्दोीं में ) (3 अींक x
2 प्रश्)

6

4

गद्य िींर् पर आधाररत तीन प्रश्ोीं में से हकन्हीीं दो प्रश्ोीं के उत्तर (लगभग 40 िब्दोीं में ) (2 अींक x
2 प्रश्)

4

(अ) श्रवण तथा वाचन

10

(ब) पररयोजना कायय

10

कुल अिं क

100

प्रस्ताहवत पुस्तकें :
1
...
, नई हदल्ली द्वारा प्रकाहित
2
...
, नई हदल्ली द्वारा प्रकाहित
3
...
, नई हदल्ली द्वारा प्रकाहित
नोि – पाठ्यक्रम के हनम्नहलक्तखत पाठ िा हदए गए ैं
आरो भाग - 2

काव्य िींर्
गद्य िींर्

हवतान भाग - 2







गजानन माधव मु खक्तबोध – स षि स्वीकारा ै (पूरा पाठ)
हिराक गोरिपुरी – गज़ल
हवष्णु िरे – चाली चै खिन यानी म सब (पूरा पाठ)
रहज़या सज्जाद ज़ ीर - नमक (पूरा पाठ)
एन फ्रैंक - र्ायरी के पन्ने

कक्षा बार वीीं े तु प्रश् पत् का हवस्तृ त प्रारूप जानने के हलये कृपया बोर्ि द्वारा जारी आदिि प्रश् पत् दे िें।


Title: This Is How You Can Buy Real Estate With Little or No Money - Robert
Description: If you're going to be rich, you have to learn to use debt. Debt is other people's money, and there are four types of people in business: Spain, China, Japan, and the United States. The people who are the biggest winners are people who know how to use debt. In 1971, Nixon took the dollar away from the people. I took a three-day real estate course about how to use no money to buy real estate. Most poor people always say they can't afford it; they do not have time, they have children and bills to pay. I was a free human being and never needed money again if you can make money with no money that is called music - an infinite return because I had no money in the deal. When I started off, when I was 25, I had a little one-bedroom condo and it put 25 bucks in my pocket. It was a start so this was good debt. When I rent a property, I've done a good job buying it and structuring it every month, so my net net is making money from my little house.